प्र भा
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Thursday, January 5, 2012
का रे भुललासी वरलीया रंगा !
चोखा डोंगा परी भाव नव्हे डोंगा
का रे भुललासी वरलीया रंगा
उस डोंगा परी रस नव्हे डोंगा
का रे भुललासी वरलीया रंगा !
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